Tuesday, February 20, 2018

धर्म


धर्म है सबल और उदार
धर्म है शांत और सुकृत
धर्म है प्रेम और अहिंस
धर्म है सत्य और सशक्त
धर्म है गाँधी और बुद्ध
धर्म है राम और कृष्ण |

धर्म ना करता भेद
हिन्दू में और
मुसलमान में
सिख में
ईसाई में |
जाती में
पंथ में |
रिश्तों में
संबंधों में |

विष्णु-अवतार राम ने शिव-भक्त रावण को मारा
क्यों की ये धर्म था |
कृष्ण ने सगे मामा को मारा
क्यों की ये धर्म था |
अर्जुन ने छली भाइयों को मारा
ये धर्म था |

वो जो कहते हो
भीड़ बनकर
एक कमज़ोर को मारकर
की धर्म-युद्ध है |
क्यों की वो
दीखता अलग है
पहनता अलग है
बोलता अलग है |
‒ वो अधर्म है |
किया था धर्म-युद्ध महाराणा ने
पुरू ने
आज़ाद ने
आतताइयों से
मरते दम तक |

आज बांधते तुम
धर्म को दायरों में
हिन्दू के
मुस्लमान के
ब्राह्मण के
शूद्र के
ये भूल जाते की
धर्म का न आकार है
न प्रकार है
न रंग है
न जन्म है |

बाँटना काम नहीं धर्म का
काम है अधर्मियों का |
धर्म है सत्य |
धर्म है मानवता |
धर्म है राम |

- संदीप सोनी
पोर्टलैंड
१८ फ़रवरी २०१८
@SandeepSoniPhD

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