धर्म है सबल और उदार
धर्म है शांत और सुकृत
धर्म है प्रेम और अहिंस
धर्म है सत्य और सशक्त
धर्म है गाँधी और बुद्ध
धर्म है राम और
कृष्ण |
धर्म ना करता भेद
हिन्दू में और
मुसलमान में
सिख में
ईसाई में |
जाती में
पंथ में |
रिश्तों में
संबंधों में |
विष्णु-अवतार राम ने शिव-भक्त
रावण को मारा
क्यों की ये धर्म था |
कृष्ण ने सगे मामा को मारा
क्यों की ये धर्म था |
अर्जुन ने छली भाइयों को मारा
‒ ये
धर्म था |
वो जो कहते हो
भीड़ बनकर
एक कमज़ोर को मारकर
की धर्म-युद्ध है |
क्यों की वो
दीखता अलग है
पहनता अलग है
बोलता अलग है |
‒ वो अधर्म है |
किया था धर्म-युद्ध महाराणा ने
पुरू ने
आज़ाद ने
आतताइयों से
मरते दम तक |
आज बांधते तुम
धर्म को दायरों में
हिन्दू के
मुस्लमान के
ब्राह्मण के
शूद्र के
ये भूल जाते की ‒
धर्म का न आकार है
न प्रकार है
न रंग है
न जन्म है |
बाँटना काम नहीं धर्म का
काम है अधर्मियों का |
धर्म है सत्य |
धर्म है मानवता |
धर्म है मानवता |
धर्म है राम |
- संदीप
सोनी
पोर्टलैंड
१८ फ़रवरी २०१८
@SandeepSoniPhD
@SandeepSoniPhD